किताब
जादूगरनी है
मुझसे पहले
पढ़ लेती है
मुझे
किताब
चापलूस है
सुनाती हमेशा
पसंदीदा कहानी
मुझे
किताब
आँधी है
झकझोरती
गहरी नींद से
मुझे
किताब
माँ है
मरहम लगाकर
सुला देती
मुझे
किताब
केवल है
कोरी, निःशब्द
लिख रही
मुझे
Like
Comment
Share
दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का
No comments:
Post a Comment