ऊंची उठती रही
अहम् भीत
और मैं
घटता रहा
अहम् भीत
और मैं
घटता रहा
छेद किये हैं कुछ
इस दीवार पर अब
और मैं
उठने लगा हूँ
नाम, जाति,
धर्म और देश के
बाँध से थमे
कुंठित पानी की
सड़ांध कम हो रही है
धर्म और देश के
बाँध से थमे
कुंठित पानी की
सड़ांध कम हो रही है
और मैं
बहने लगा हूँ
बहने लगा हूँ
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