Friday, October 16, 2020

हाशिया


रह लेने दो मुझे
अपनी किताब
के हाशिये पर

नहीं करूँगा
मैं हस्तक्षेप
तुम्हारी कहानी में
नहीं संभालूँगा
तुम्हें गिरने पर
न रोकूँगा
तुम्हारी उड़ान

न पढ़ूँगा
तुम्हारी किताब
न व्यक्त करूँगा
अपने विचार
प्रशंसा
या आलोचना

जब तुम
अकेली होगी
तो मैं तुम्हें
अकेली रहने दूँगा
पर तुम
अकेली नहीं होगी

इसलिए
रह लेने दो मुझे
अपनी किताब
के हाशिये पर

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का