Wednesday, September 9, 2020

इंद्रधनुष

चाह है कि 
खोज लूँ
रंग 
अपने सभी 

फिर
बिखर कर
हो जाऊँ
आसमाँ 

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का