अस्तित्व
हुआ करता था
भारत में
मेरा भी
अस्थाई सही
हाशिये पर सही
सरकार मुझे
गिनती तो थी
पर अब
मैं नहीं रहा
मुझे मार दिया
दो बार
पहले
हाईवे पर
चलते हुए
और फिर
सरकारी
आंकड़ों में
दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का
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