तुम्हें
तुम्हारी अहिंसा
तुम्हारे मूल्यों
तुम्हारे देश को
मारा
तुम्हारी अहिंसा
तुम्हारे मूल्यों
तुम्हारे देश को
मारा
जिन्होंने एक बार
जिन्होंने बार बार
और जिन्होंने हर रोज़
जिन्होंने बार बार
और जिन्होंने हर रोज़
तुम्हें
तुम्हारी अहिंसा
तुम्हारी मूल्यों
तुम्हारे देश को
मारने वालों को
जिन्होंने संसद भेजा
तुम्हारी अहिंसा
तुम्हारी मूल्यों
तुम्हारे देश को
मारने वालों को
जिन्होंने संसद भेजा
आज सभी तुम्हारी
स्तुति गाएंगे
स्तुति गाएंगे
सचमुच बड़े
मक्कार थे तुम
बापू
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