Friday, January 22, 2021

छन्नी

लिखा हुआ 
देख रहे हो
यह कविता
नहीं है

महीन छन्नी से
शब्द छान लो

अब शेष रहा
वह भी कविता
नहीं है

और महीन 
छन्नी से
विचार छान लो

अब शेष रहा
वह भी कविता
नहीं है

और भी महीन 
छन्नी से
सार छान लो

अब शेष रहा
अदृश्य अव्यक्त
शून्य शांत 

थाम लो
यही है
कविता

ले जाएगी 
तुम्हें यह 
स्रोत तक
ब्रह्म तक
सत्य तक

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का