Thursday, October 29, 2015

नव देशभक्त


नव देशभक्त
करते घृणा
शत्रु से इतनी

भारत को भी
बनाएँगे
शत्रु सा

पूरा हिन्दू
पूरा पाक
एकरंगी नारंगी
इंद्र धनुष

बहेगी बयार
नाथू की महान
मिटा गंध
बौने गाँधी की

लेंगे बदला
कल के कथित
अन्याय का
दे तिलांजलि
कल की

बढ़ो बनाओ
नव भारत
देश सख्त
ऐ देश भक्त

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का