Friday, October 9, 2015

चार कविताएँ


चार कविताएँ
एक शब्द की


जीवन
बोध
मृत्यु
मैं


एक कविता
चार शब्द की

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का