Saturday, July 19, 2014

भिखारी

काँच के उस ओर खड़ा
वह जीव कौन सा है
दीखता मानव सा
डरावना भूखा

क्या सच में है भूखा
या स्वाँग है
दूँ या ना दूँ
छोटा है
कौन सा गुनाह

चलो बत्ती हरी हुई
चीख़ने लगी गाड़ियाँ
और उनके अंदर बैठे जीव
सारे मानव से
डरावने भूखे

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का