Wednesday, January 1, 2025

इस साल

इस साल
कुछ पाना नहीं है
खोज लेना है बस
गुमशुदा खुद को।

इस साल
कहीं जाना नहीं है
लौट आना है बस
यहाँ, अभी।

इस साल
कुछ बनना नहीं है
हो जाना है, बस
हो रहना‌ है।

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का