Wednesday, January 15, 2025

ईसा

अपने हाथों में
अपने ही हाथों से
कील ठोंक कर
सलीब पर
टांग रहा हूँ
मैं
मैं को

उस सलीब और
उन कीलों को
भिगो कर
रिस रहे रक्त से
उठ रहा है
ईसा


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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का