Wednesday, January 15, 2025

साक्षी

जो लिखा सो सही
सच वो पूरा पर नहीं

दे रहा इस पल जो दस्तक
उसकी तो पुस्तक नहीं

तू ठहर हो शांत साक्षी
तुझ सिवा तो कुछ नहीं


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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का