Friday, February 5, 2021

मजबूरी

मत पूछो 
वो क्यों चुप थे
जब बोलना था
मजबूरी होती है
मशहूरी की

मत पूछो
क्यों ट्वीट पड़े
जब चुप रहना था
मजबूरी होती है
मशहूरी की

तुम खिलाड़ी नहीं
तुम कलाकार नहीं
तुम नहीं समझोगे
मजबूरी होती है
मशहूरी की

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का