खेतों में कील बोआते हो
खौफ की फसल उगाते हो
फिर सीने का नाप गिनाते हो
साहब तुम खूब रिझाते हो
खौफ की फसल उगाते हो
फिर सीने का नाप गिनाते हो
साहब तुम खूब रिझाते हो
एक मजाक से मर जाते हो
एक कटाक्ष से कट जाते हो
फिर मन की बात बताते हो
साहब तुम खूब रिझाते हो
चीन को झूला झुलाते हो
नेहरू को गरियाते हो
फिर हैशटैग जंग चलाते हो
साहब तुम खूब रिझाते हो
शिक्षा बजट घटाते हो
पेट्रोल गगन छुआते हो
फिर अच्छे दिन दिखलाते हो
साहब तुम खूब रिझाते हो
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