Wednesday, July 13, 2016

अँधेरे

न कुरेद मेरे अंधेरों को ए रोशनी
मैं इन्हें, ये मुझे पहचानने लगे हैं

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का