रेल की बोरियों में
लदे, दबे
चले जा रहे हैं
मेमने
लदे, दबे
चले जा रहे हैं
मेमने
काटते हैं वक्त
काट न दे इन्हें
वक्त जब तक
चीखती हैं
इनकी चुप्पियाँ
सुनिये!
(5-Jul-2016)
काट न दे इन्हें
वक्त जब तक
चीखती हैं
इनकी चुप्पियाँ
सुनिये!
(5-Jul-2016)
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