Thursday, February 26, 2015

बीज

है कुछ बात उस बीज के इरादों में
यूँ ही नहीं उगते अंकुर पत्थरों से

Saturday, February 21, 2015

मति व मत

मति महान तो मुक्त मत
मत महीन तो मूढ़ मति

Thursday, February 19, 2015

तल्ख जबाँ

सच की छरछराहट है
या झूठ का स्वाद
क्यों तल्ख हो गई जबाँ

Wednesday, February 18, 2015

दोस्त

अजब तेरा मुक़द्दर शहंशाह
दुश्मन सच्चे हैं तेरे दोस्तों से

Tuesday, February 17, 2015

तीन शख्स

मिले तीन शख्स
अंतः यात्रा में

पहला था वहम्
जाना पहचाना
देखा था उसको
सबकी आँखों में
मुझ सा
पर मैं नहीं


फिर मिला अहम्
जाना पहचाना
देखा था उसको
अपनी आँखों में
मुझ सा
पर मैं नहीं


फिर मिला स्वयं
अनजाना
अनदेखा
मुझ सा नहीं
पर मैं

स्वयं

गर गैर नहीं जाने तो ग़म क्यों
आसाँ कहाँ तू बूझे स्वयं को

Saturday, February 14, 2015

माँ

क्या लिखूँ तारीफ़ में तेरी
शब्द बौने सारे मुझ से

Friday, February 13, 2015

ईमान

#१
तेरी उम्मीद मैं हिम्मत करूँ "सच" बोल दूँ
मेरी दुआ तुझे हिम्मत मिले सच जान ले

#२
झूठ ही कहते सभी झूठी जबाँ है
कान भी ईमान के कायल कहाँ हैं

Wednesday, February 11, 2015

दोस्त

शुक्र कर हम तेरे कान खींचते हैं
बचाना है तुझको तेरे "दोस्तों" से

सवाल

दाग दस सवाल मेरे दामन पे दाग गर
पर सोच एक बार तेरे घुटने हैं क्यों सने

Tuesday, February 10, 2015

विनय

रहना ज़मीं पे बन्दे उड़ना है आस्माँ तो
मिट्टी में मिट गया वो करता रहा गुमाँ जो

Monday, February 9, 2015

आम राज़

"अवाम" "इमाम" कूट नीति
कर विफल शराब लूट नीति
तू उठ तेरा है वक़्त आज
हो स्वराज हो आम राज़

हो सुराज हो आम राज़

Friday, February 6, 2015

सच

#१

सरल सौम्य, सच शीत है
सच-साधक मन शांति

तीव्र तप्त, सच ज्वाल है
सच-भस्म भए भ्रम भ्रांति

#२

सच है सच लघु ना बड़ा
हठी निडर डटकर खड़ा

दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का