Friday, May 7, 2021

रोशनी

क्यों रोशनी थी चाही अंधेरे के आकाओं से
कि आसमाँ भी जल उठा है चिताओं से

No comments:

Post a Comment

दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का