Thursday, May 27, 2021

भविष्य की लाश

एक दिन तुम 
एक गुम्बद पर चढ़े थे
और तुम पर चढ़ा था
भूत का भूत

तुमने गिराया था 
उस गुम्बद को
और उस भूत ने तुम्हारे 
भविष्य के भविष्य को

अब सिंहासन पर
भूत बैठा है और 
भविष्य की लाश 
तैर रही है गंगा में

Wednesday, May 26, 2021

गिनती

गिनती नहीं इतने ये शव
गिनती नहीं जिनकी ये शव
मुए क्यों नहीं  मरते ये शव



Tuesday, May 25, 2021

कफ़न

रेत में जो हैं दफन
खतरे में है इनसे वतन
खींच लो इनके कफन






Saturday, May 22, 2021

आँसू

आत्मा
तर जाती है जब 
दिल से निकलता है
आँसू

आत्मा
उतर जाती है जब 
दिमाग से निकलता है
आँसू

आत्मा 
की धुरी हैं
आँसू

जनतंत्र

जनतंत्र को हुआ कोरोना
मरघट पर जन का रोना
कैमरे पर तंत्र का रोना

Thursday, May 20, 2021

साजिश

तूफ़ान को छूट है आए
पेड़, झोपड़ी, आदमी गिराए 
पर महल के पर्दे न हिलाए
पर्दों का हिलना साजिश होगा

हवा को छूट है जाए
राजा के मन की बात सुनाए
पर मुर्दों की गंध, राख न फैलाए
राख का फैलना साजिश होगा

Monday, May 10, 2021

आंकड़े

क्या फूल कर उतराएंगे
आंकड़े जो डूबे हैं गंगा में

Friday, May 7, 2021

आँख

पत्थर बुत गल जाएंगे
रेत महल ढह जाएंगे
बस तू आँख खोल ले

रोशनी

क्यों रोशनी थी चाही अंधेरे के आकाओं से
कि आसमाँ भी जल उठा है चिताओं से

Tuesday, May 4, 2021

नादानी

तेरी नाकामी तेरा कसूर नहीं
अपनी नादानी पे तरस आता है

दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का