Friday, May 10, 2019

पतन

दिनोंदिन
गिर रहा है
वो आदमी

बनना है
खुदा जो उसे

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का