हम पहले मिलते थे
तो मैं डर जाता था
फिर मुलाकातें बढ़ीं
और दोस्ती हो गई
मै तुझसे, तू मुझसे
मजाक करने लगी
ऐ मुश्किल
अब मैं तेरा महबूब हूँ
तेरे बिना नहीं कटता
एक पल भी
मुश्किल से
दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का
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