Friday, April 12, 2019

गुमान

गुमान हुआ
दो लहरों को

मैं भिन्न
मैं बेहतर

दोनों
पानी हो गईं

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का