Thursday, August 23, 2018

दूसरा

घृणा या प्रेम
होते हैं दोनों
स्वयं ही से

या मैं दूसरा
या दूसरे मैं

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का