Saturday, July 16, 2016

दीवानगी


अपनी दीवानगी पर मैं हँसने लगा हूँ

कुछ पैसे बेच मैंने जिंदगी खरीद ली है

Wednesday, July 13, 2016

समझ

कोशिशें की मैंने वो समझेंगे मेरी बात
वो हँसे, मेरी नासमझी मजाक बन गई

सवाल

मैं दागता रहा सवाल उस पर हर पल दर पल
एक पल जिया तो जाना जिंदगी का जवाब नहीं

अँधेरे

न कुरेद मेरे अंधेरों को ए रोशनी
मैं इन्हें, ये मुझे पहचानने लगे हैं

Saturday, July 9, 2016

जन्नत

अल्ला के बंदे क्या कत्ल कर जन्नत पाएगा
जो मरा वही अल्ला था, जो जली वही जन्नत

(05-Jul-2016)

दरिया

जानता हूँ नहीं थमेगा ये दरिया मेरे हाथों
ये क्या कम है मै थमा रहा डूबने से पहले

(05-Jul-2016)

शिकायत

मत कर शिकायत मैं शिकायत करता हूँ
तुझे सहने का हक है, मुझे कहने का जुनून

(5-Jul-2016)

मेमने

रेल की बोरियों में
लदे, दबे
चले जा रहे हैं
मेमने

काटते हैं वक्त
काट न दे इन्हें
वक्त जब तक

चीखती हैं
इनकी चुप्पियाँ
सुनिये!

(5-Jul-2016)

Friday, July 1, 2016

मानव महान

रात सपने में
ईश्वर प्रकट हुए
दिव्य साक्षात

उठा मैं स्वागत हेतु
परन्तु रोक लिया
उन्होंने दौड़ कर
कहा कष्ट न कर
ऐ मानव
तू है तो मैं हूँ


ठौर है मेरी
मंदिर में
तेरे बनाए
खाता पहनता हूँ
तेरे चढ़ावे को

तू करता है
इतना कुछ मेरे लिए
न तेरे अपनों के लिए
जो सोते हैं भूखे बेछत

क्योंकि तू महान है
मुझ सा भगवान नहीं

दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का