Tuesday, December 19, 2023

शांत

खुदा ने पूछा 
मैं कौन

"मैं" ने 
व्याख्या दी
शास्त्र की,
तर्क दिए
विज्ञान के
और खुदा 
हँसने लगा

खुदा ने पूछा 
मैं कौन

मैं शांत रहा
और खुदा हो गया 
 

Sunday, September 10, 2023

वापसी

घर
लौट रहा हूँ
मैं 

साथ लौट रहे हैं
सम्राट अशोक
धनुर्वीर अर्जुन
और 
बाल नचिकेत

बह रही है यहॉँ
शांति
शांत मुख से
बुद्ध
कृष्ण
और
यमदेव के

घट रहा है
मैं मुझ से
और 
बढ़ रहा हूँ
मैं 


Wednesday, September 6, 2023

गुमनामी

#१ 

नसीब हुई है गुमनामी, खो कर कितना कुछ
बड़ा सुकून है यहाँ, तू मेरा नाम न पूछ 

#२ 

वो दरिया, किनारा, है पानी वही 
मैं जरिया, मेरी बस कहानी यही 

#३ 

जानता हूँ मैं, वह जी रही है मुझे
जानती है वह भी, मैं हूँ तो वह है

#४ 

एक पहेली रही जिंदगी, जिंदगी भर
जी लिया एक पल, अब मैं ही जिंदगी हूँ

Saturday, April 29, 2023

लौ

धूप धूल

पग शूल छिली

सतत अथक

अनवरत् चली


अब लो ठहर

तुम एक पहर

पोंछ घाम

कुछ लो विराम


खुद को निहार

लो खुदी निखार

कुछ हुनर सँवार

करो खुद से प्यार


एक नई डगर

अब नया सफर

अपनी ही लौ

हो जा प्रखर


अपनी ही लौ

हो जा प्रखर


(प्रतिमा की सेवा निवृत्ति के अवसर पर)

Tuesday, March 21, 2023

खोज

किरण नवजात

काट नाभि-नाल

पृथक हुई प्रकाश से


भाने लगा किरण को

भान किरण होने का

भान पृथक होने का


भाने लगी किरण को

अन्य किरणें बड़ी

उनका साया बड़ा


अब बढ़ चली किरण

हर्ष, द्वेष, भोग की होड़ में 

और फैलने लगा साया  


फैलता गया बड़ा साया

और ढकता गया  

बड़ी किरण को


अब फैले बड़े साये में

सिमटी बड़ी किरण है

खोज रही प्रकाश को


क्या उतरेगी बड़ी किरण

अपनी ही छोटी नाभि में

और होगी एक प्रकाश से 


 

दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का