Monday, March 29, 2021

चालाक

आज 
कट रही टहनी पर
तुम्हारा घोंसला नहीं है
इसलिए शांत हो
तुम चालाक हो

जिसका घोंसला है
वह भी तो चालाक था
कल तक

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का