आज
कट रही टहनी पर
तुम्हारा घोंसला नहीं है
इसलिए शांत हो
तुम चालाक हो
कट रही टहनी पर
तुम्हारा घोंसला नहीं है
इसलिए शांत हो
तुम चालाक हो
जिसका घोंसला है
वह भी तो चालाक था
कल तक
दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का