पड़ी हैं यहाँ
दो लोगों की
पहला मारा गया
तो दूसरा खुद मर गया
पहली लाश
भीतर के आदमी की
दूसरी बाहर के आदमी की
पहली लाश
भीतर के धर्म की
दूसरी बाहर के धर्म की
पहली लाश
भीतर के देश की
दूसरी बाहर के देश की
लाशें
पड़ी हैं यहाँ
दो लोगों की
दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का
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