तुम
कड़ी मेहनत से
चीखें चीर कर
लाशें लांघ कर
घरों को फूँक कर
घर तो लौटे ही होगे
तुम्हें
पिता से शाबाशी
माँ से आशीष
बहन से प्यार
तो मिला ही होगा
तुमने
खाना तो
खाया ही होगा
तुम्हें
नींद तो
आई ही होगी
तुम
ठीक तो
होगे ही
दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का
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