Monday, March 2, 2020

तुम ठीक तो होगे ही

तुम
कड़ी मेहनत से
चीखें चीर कर
लाशें लांघ कर
घरों को फूँक कर
घर तो लौटे ही होगे

तुम्हें
पिता से शाबाशी
माँ से आशीष
बहन से प्यार
तो मिला ही होगा

तुमने
खाना तो
खाया ही होगा

तुम्हें
नींद तो
आई ही होगी

तुम
ठीक तो
होगे ही

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का