Thursday, May 31, 2018

नग्नराज

नग्नराज पोशाक पर, भगत रहे बौराय
व्हाट्सऐप के दौर में, शीसा कौन दिखाय

शीसा कौन दिखाय, करे नग्न नगन मा फर्क
अच्छे दिन की भंग है, चढ़ै सो बेड़ा गर्क

Friday, May 18, 2018

भक्त

तेरे भगवान से शिकायत नहीं
पर तेरी भक्ति पर है एतराज़

जुमला फरेब है उसका स्वार्थ
क्यों तुझे अपने लुटने पर नाज़

Tuesday, May 15, 2018

कातिल

(१)

तू मेरी पीठ में गड़े ये खंजर न देख
देख मैं अपना कातिल खुद चुनता हूँ

(२)
तू मेरे खुदा को दोष न दे
मैं खुश हूँ अपने लुट जाने पर

Sunday, May 13, 2018

अमीरी


जग जीते सो क्या अमीर
पल जी ले सो क्या फकीर

करिश्मा


चाह रही प्रकृति का कुछ करिश्मा देखूँ
और साँस चलती रही, दिल धड़कता रहा

Thursday, May 3, 2018

मौत

नाकाफ़ी है जिंदगी खुशनुमा हो
कोशिश रहे हो मौत भी हसीन


दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का