Thursday, May 31, 2018

नग्नराज

नग्नराज पोशाक पर, भगत रहे बौराय
व्हाट्सऐप के दौर में, शीसा कौन दिखाय

शीसा कौन दिखाय, करे नग्न नगन मा फर्क
अच्छे दिन की भंग है, चढ़ै सो बेड़ा गर्क

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का