Wednesday, September 14, 2016

मर्जी खुदा की

खो कर खुदी को, तू बन खुदा ऐ बंदे
फिर क्या तेरी मर्जी, और क्या खुदा की

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का