Sunday, December 14, 2014

हिचकियाँ

कहती थी तू ही
याद करता है कोई
तो आती हैं हिचकियाँ
क्या सताती हैं
तुझको भी हिचकियाँ
माँ

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का