Tuesday, April 27, 2021

ठीक ना फिर अब सब करना

थम जाएगा तूफ़ान यह जब
वो ठीक करने लगेंगे सब
तुम मगर अब ना फसना 
ठीक ना फिर अब सब करना

मंदिर, मूरत, धर्म, जाति न 
पिछले कल पर कट मरना
शिक्षा, कक्षा, किताबों से
अपना अगला कल रचना

ठीक ना फिर अब सब करना

लीडर की लहर हवा नहीं
अपनी दवा प्राण वायु चुनना  
बुरों में कम बुरा सम्राट नहीं
नोटा या काबिल सेवक चुनना

ठीक ना फिर अब सब करना

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का