Friday, August 28, 2020

गिद्ध

 रोज वही लाश

नोच कर खा रहे

अर्नब, नाविका, सुधीर

तुम ठीक तो हो?


तुम्हें नींद तो 

अच्छी आती ही होगी?

तुम अपने बच्चों को

सीख अच्छी देते ही होगे?


रोज उसी लाश 

का कत्ल होते 

देख रहे दर्शकों

तुम ठीक तो हो?


तुम जानते तो हो

वह लाश तुम्हारे 

अपने बच्चों के

भविष्य की है?

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का