Friday, August 28, 2020

जस्टिस फॉर भारत

 लोग सदमे में हैं

कहते हैं उसका

उज्जवल भविष्य था

फिर कैसे

वह मर गया


कुछ कहते हैं

आत्महत्या


कुछ कहते हैं

उसे मारा उन्होंने

जो उससे प्यार

का दावा करते हैं


जाँच होनी चाहिए

कैसे मरा

भारत

जस्टिस फॉर भारत

मारीच

 राजा और मारीच

घने मित्र हैं


जब जब राजा

लछ्मण रेखा

लांघता है,

सीता हर लेता है


तब तब मारीच

स्वर्ण मृग बन

जनता को

दूर ले जाता है


राजा और मारीच

घने मित्र हैं


गिद्ध

 रोज वही लाश

नोच कर खा रहे

अर्नब, नाविका, सुधीर

तुम ठीक तो हो?


तुम्हें नींद तो 

अच्छी आती ही होगी?

तुम अपने बच्चों को

सीख अच्छी देते ही होगे?


रोज उसी लाश 

का कत्ल होते 

देख रहे दर्शकों

तुम ठीक तो हो?


तुम जानते तो हो

वह लाश तुम्हारे 

अपने बच्चों के

भविष्य की है?

Saturday, August 15, 2020

न्याय

कानून का रोब हो

न्याय तो होता रहेगा

जब हमें मारेगा वो

अधिकार तो सोता रहेगा

दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का