Saturday, February 15, 2020

माँ

माँ
कहीं जाती नहीं

वो बैठ जाती है
हृदय के एक कोने में

हम और प्यार करने लगते हैं
खुद से, खुदा से और खुदाई से 

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का