गुमान हुआ
दो लहरों को
मैं भिन्न
मैं बेहतर
दोनों
पानी हो गईं
Friday, April 12, 2019
साया
रोशनी में
छोटा हो
छुप जाता है
मुझमें
अंधेरे में
चादर सा
छुपा लेता है
मुझको
मेरा साया
कुछ कुछ
मेरी माँ
जैसा है
छोटा हो
छुप जाता है
मुझमें
अंधेरे में
चादर सा
छुपा लेता है
मुझको
मेरा साया
कुछ कुछ
मेरी माँ
जैसा है
Sunday, April 7, 2019
सचमुच
प्रतिदिन
उदय और अस्त
होता सूर्य
रंग बिखेरता है
नभ पर
पर क्या सूर्य
उदय या अस्त
होता है सचमुच
क्या सूर्य ही
बिखेरता है
रंग सचमुच
क्या होता है
नभ सचमुच
और क्या होता है
वह रंग सचमुच
उदय और अस्त
होता सूर्य
रंग बिखेरता है
नभ पर
पर क्या सूर्य
उदय या अस्त
होता है सचमुच
क्या सूर्य ही
बिखेरता है
रंग सचमुच
क्या होता है
नभ सचमुच
और क्या होता है
वह रंग सचमुच
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दस्तक
दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का
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क्यों है हक़ गौतम ऋषि को क्यों मुझे अभिशाप दें क्यों इन्द्र को सब देव पूजें क्यों मेरा अपमान हो क्यों तकूँ मैं राह रघु की क्यों मेरा ...
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राज़ है यह मत कहना किसी से एक थी प्रेयसी मेरी और हम मिलते थे हर रोज़ आती थी वो राजकुमारी सी पाँच अश्वों के तेज रथ पर बड़ी मेज़ लगती थी ...
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