Monday, February 25, 2019

चाँद

अपने अंधेरों में
मुझे टाँग दो
चाँद सा

मुस्कान न सही
चमका दूँ
तुम्हारे आँसू

दोस्त हो जाएँ
तुम्हारे दर्द
और मेरे दाग

चाँद सा
मुझे टाँग दो
अपने अंधेरों में

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का