Monday, February 25, 2019

चाँद

अपने अंधेरों में
मुझे टाँग दो
चाँद सा

मुस्कान न सही
चमका दूँ
तुम्हारे आँसू

दोस्त हो जाएँ
तुम्हारे दर्द
और मेरे दाग

चाँद सा
मुझे टाँग दो
अपने अंधेरों में

Sunday, February 24, 2019

सियासत

सोचा लिखूँ कुछ
सियासत पर

पर
सियाही फिसल कर
धब्बा छोड़ गई

शायद
कागज़ बिका था
या उम्मीद मरी थी

Thursday, February 14, 2019

माँ

मैंने पूजा, भगवान् ने आरती की
आज मंदिर में माँ की तस्वीर थी

दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का