अपने अंधेरों में
मुझे टाँग दो
चाँद सा
मुस्कान न सही
चमका दूँ
तुम्हारे आँसू
दोस्त हो जाएँ
तुम्हारे दर्द
और मेरे दाग
चाँद सा
मुझे टाँग दो
अपने अंधेरों में
Monday, February 25, 2019
Sunday, February 24, 2019
Thursday, February 14, 2019
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दस्तक
दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का
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क्यों है हक़ गौतम ऋषि को क्यों मुझे अभिशाप दें क्यों इन्द्र को सब देव पूजें क्यों मेरा अपमान हो क्यों तकूँ मैं राह रघु की क्यों मेरा ...
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खुदा ने पूछा मैं कौन "मैं" ने व्याख्या दी शास्त्र की, तर्क दिए विज्ञान के और खुदा हँसने लगा खुदा ने पूछा मैं कौन मैं शांत रहा ...
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तेरी कुर्बानी का रहेगा एहसान, ऐ दोस्त मैंने खोई कुछ ही दौलत, पर तूने यारी