बिल्लियाँ बोलीं
गरीबी हटाओ
भेड़ों ने
विश्वास किया
और हट गई
सचमुच गरीबी
बिल्लियों की
भेड़िये बोले
अच्छे दिन आएंगे
भेड़ों ने
विश्वास किया
और आए
सचमुच अच्छे दिन
भेड़ियों के
भेड़ो को
विश्वास है
अपने विश्वास पर
कर रहे हैं
रक्षा डट कर
कुछ बिल्लियों के
महल की
कुछ भेड़ियों के
प्रासाद की
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
दस्तक
दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का
-
क्यों है हक़ गौतम ऋषि को क्यों मुझे अभिशाप दें क्यों इन्द्र को सब देव पूजें क्यों मेरा अपमान हो क्यों तकूँ मैं राह रघु की क्यों मेरा ...
-
राज़ है यह मत कहना किसी से एक थी प्रेयसी मेरी और हम मिलते थे हर रोज़ आती थी वो राजकुमारी सी पाँच अश्वों के तेज रथ पर बड़ी मेज़ लगती थी ...
-
बनने से संभव नहीं है होना होना तो संभव है होने से ही होने की राह नहीं चाह नहीं होने का यत्न नहीं प्रयत्न नहीं होना तो हो रहना...
No comments:
Post a Comment