Sunday, November 12, 2017

मैं

हावी था
"मैं" मुझ पर
तब
"मैं" ही था
"मैं" ही था

भस्म हुआ
मेरा "मैं"
अब
मैं ही हूँ
मैं ही हूँ

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का