Friday, August 15, 2014

भारत (2)

कड़ी बड़ी यह डगर मगर
उत्स्फूर्त उदित विश्वास है
सद्भाव सृजन सौहार्द शील
भारत जगत हित आस है

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का