Monday, August 18, 2014

संतुष्टि

लालसा न नीयत
न विरासत वसीयत
हैं संतुष्ट फिर भी
पशु पंछी पौधे
और हम?

Friday, August 15, 2014

भारत (2)

कड़ी बड़ी यह डगर मगर
उत्स्फूर्त उदित विश्वास है
सद्भाव सृजन सौहार्द शील
भारत जगत हित आस है

Tuesday, August 12, 2014

भारत

रंग सात
गहरे भी
हल्के भी
अपूर्ण
अशांत

रंग श्वेत
न गहरा
न हल्का
पूर्ण
शांत

रंग श्वेत
जैसे भारत
घोले समेटे
रंग सात

जीवन मूल्य

जीते हैं विरले ही मूल्यों पर मर कर
वरना तो जीते है बहुतेरे मर मर कर

Monday, August 11, 2014

पूजा

खुश हो कैसे भगवान
धूप दीप जयगान
या निर्बल उत्थान

Sunday, August 3, 2014

अति लघु कविता

क्या कहते हैं
उस कविता को
जो हो अति लघु
'ट्वीट' की तरह
जीवन?

पिता

सूर्य जलाता
खुद को
जैसे पिता
देता रौशनी

दिल

दिल
बंद फैलाए विष
खुला समाए विश्व

किस्मत

पतंग उठती
खींचने पर
जैसे हो किस्मत
बंधी धागे से
श्रम के

दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का