रेलगाड़ी
जो तुम्हें काट गई
वही जनतंत्र है
तुम
जो इस पटरी पर
चल रहे हो
तिहत्तर वर्षों से
अस्थायी प्रवासी हो
हम
जो क्षोभित हैं
तुम्हारे कटने पर
इस गाड़ी के
स्थायी प्रवासी हैं
हमें
तुम्हारे और
तुम्हारी पीढ़ियों के
स्थायी अस्थायित्व पर
क्षोभ नहीं होता
अब तुम
दूर रहो
इस पटरी से
और इस गाडी से
तुम्हारे कट जाने पर
बहुत क्षोभ होता है
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