हर वर्ष
क्यों हो रहा
रावण दहन
राम आगमन
एक बार ही
क्यों न हो
असुर तमाम
बसें राम
क्यों न हो
एक बार दशहरा
क्यों न हो
हर रोज़ दिवाली
Thursday, October 19, 2017
Friday, October 13, 2017
Sunday, October 1, 2017
महाकबर
मल नालों से
सटे सँकरे
टिन के डिब्बों
में रहती
महानगर की
महाकबर की
लाशें
सटे सँकरे
टिन के डिब्बों
में रहती
महानगर की
महाकबर की
लाशें
ट्रफिक में
एम्बुलेंस सी
अटकी हैं
इनकी सांसे
दम लेंगी
दम टूटने पर
गिर कर
ट्रेन से
डूब कर
मैनहोल में
लाशें
एम्बुलेंस सी
अटकी हैं
इनकी सांसे
दम लेंगी
दम टूटने पर
गिर कर
ट्रेन से
डूब कर
मैनहोल में
लाशें
बस-ट्रेन में
ईसा सी
लटकी हुई
दौड़ती जा रही
भगदड़ में जीती
भगदड़ में मरती
लाशें
ईसा सी
लटकी हुई
दौड़ती जा रही
भगदड़ में जीती
भगदड़ में मरती
लाशें
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दस्तक
दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का
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क्यों है हक़ गौतम ऋषि को क्यों मुझे अभिशाप दें क्यों इन्द्र को सब देव पूजें क्यों मेरा अपमान हो क्यों तकूँ मैं राह रघु की क्यों मेरा ...
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खुदा ने पूछा मैं कौन "मैं" ने व्याख्या दी शास्त्र की, तर्क दिए विज्ञान के और खुदा हँसने लगा खुदा ने पूछा मैं कौन मैं शांत रहा ...
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तेरी कुर्बानी का रहेगा एहसान, ऐ दोस्त मैंने खोई कुछ ही दौलत, पर तूने यारी