Sunday, May 11, 2014

माँ

#१
साथ नहीं पर पास यहीं
ममता का एहसास वही
है तेरी हर याद काफी
खोजूँ क्यों भगवान कहीं

#२
तब ऊँगली थी राह बताती
पग पग अब भी साया है
साँसे धड़कन सीख दर्शन
सब तुझसे ही  पाया  है

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दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का