Sunday, February 11, 2024

तिनका

तिनके को
थाम कर
पूरे यत्न से
प्रयत्न करता रहा
और डूबता रहा
मैं

तिनके के
छूटते ही
बिन यत्न
बिन प्रयत्न
बह रहा हूँ
मैं


दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का