Tuesday, March 21, 2023

खोज

किरण नवजात

काट नाभि-नाल

पृथक हुई प्रकाश से


भाने लगा किरण को

भान किरण होने का

भान पृथक होने का


भाने लगी किरण को

अन्य किरणें बड़ी

उनका साया बड़ा


अब बढ़ चली किरण

हर्ष, द्वेष, भोग की होड़ में 

और फैलने लगा साया  


फैलता गया बड़ा साया

और ढकता गया  

बड़ी किरण को


अब फैले बड़े साये में

सिमटी बड़ी किरण है

खोज रही प्रकाश को


क्या उतरेगी बड़ी किरण

अपनी ही छोटी नाभि में

और होगी एक प्रकाश से 


 

दस्तक

दस्तक देता रहता है कि सुन सके अपनी ही दस्तक "मैं" मैं को शक है अपने होने पर मैं को भय है अपने न होने का